चुनाव परिणाम के मायने

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लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव परिणाम 4 जून को घोषित हो गए हैं. चुनाव परिणाम सभी एक्जिट पोल के अनुमानों के विपरीत गए हैं. सभी एक्जिट पोल के अनुमानों में जहाँ एनडीए को बड़ा बहुमत हासिल करते हुए दिखाया गया था, लेकिन एनडीए उस तरह का बहुमत हासिल नहीं कर सका है, जैसा अनुमान था. हालाँकि एनडीए ने इसके बावजूद पूर्ण बहुमत हासिल कर लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी की ओर अपने कदम बढ़ा दिए हैं, लेकिन उसे पिछले 2 चुनावों की तुलना में इस बार कम सीटें प्राप्त हुई हैं. जो उसके लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि इस बार मोदी सरकार उतनी मजबूती से कठोर निर्णय नहीं ले पाएगी, जितना पहले लेती रही है.

दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन इंडिया का प्रदर्शन अपेक्षा से बेहतर रहा है. उसने अपनी सीटों में बढ़ोत्तरी की है. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के अलावा, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना (ऊधव ठाकरे गुट) ने भी इस बार अच्छा प्रदर्शन किया है. लेकिन इसके बावजूद भी वो पीएम मोदी को लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी करने से रोकने में नाकाम रहे हैं. हालाँकि विपक्षी गठबंधन इंडिया ने इस बार मोदी सरकार की राह मुश्किल जरुर कर दी है. क्योंकि मजबूत विपक्ष के कारण सरकार को बड़े और कठोर निर्णय लेने के लिए विपक्ष के ऊपर निर्भर रहने की आवश्यकता होगी.  

अगर इन चुनाव परिणाम के संकेतों को समझें, तो इस बार के चुनाव परिणामों ने जो संकेत दिया है उन्हें कुल मिलाकर मिला-जुला माना जा सकता है. इस बार लोगों ने सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को मुस्कुराने की वजह दीं हैं. सत्ता पक्ष को ये संतोष होगा कि वो सीटें कम होने के बाद भी लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी करने में सफल हो रहे हैं. जबकि विपक्षी गठबंधन इंडिया को इस बात कि ख़ुशी होगी कि वो सत्ताधारी एनडीए की सीटों में कमी लाने में सफल रहे और मजबूत विपक्ष के रूप में उभरे हैं. साथ ही इस बार ईवीएम भी निशाने पर आने से बच गई, इसलिए वो भी खुश हो रही होगी.

वैसे अगर  हार-जीत की राज्यवार समीक्षा करें, तो यूपी, महाराष्ट्र, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, राजस्थान जैसे कई राज्यों में एनडीए का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप न होकर उससे ख़राब रहा, जबकि इन राज्यों में उनके मुकाबले विपक्षी गठबंधन इंडिया का प्रदर्शन अपेक्षा से कहीं बेहतर रहा. लेकिन एनडीए के दिल्ली, गुजरात, एमपी, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा जैसे राज्यों में किए गए शानदार प्रदर्शन ने उसकी लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी करने में अहम भूमिका निभाई है. वैसे इस बार पिछली बार की तुलना में स्थिर सरकार नहीं होने के कारण भारत विरोधी कई विदेशी ताकतें भी खुश होंगी. 

Category:Prose



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Written by पुनीत शर्मा (काफिर चंदौसवी)

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writer, poet and blogger