जनता, जाति, धर्म और सरकार सब संविधान पर निर्भर हैँ या फिर कह सकते हैँ कि देश पूरी तरह से संविधान के अनुसार चलने के लिए बाध्य है चाहे वो जनता हो, जाति, धर्म हो, सरकार हो, न्यायल हो या फिर कोई संस्था हो, सबको संविधान के मुताबिक चलना पड़ता है.
देश के रजनीतिक दल इससे अलग हैं चाहे वो राष्ट्रीय हो या फिर क्षेत्रीय दल हो, इनको संविधान की कोई बाध्यता नहीं हैँ. क्योंकि संविधान में संसद सर्वोच्च है औऱ संविधान हमेशा संख्या से चलती है.
चुनाव में जिस तरह से लोभ, लालच, मंदिर मस्जिद , गारंटी कार्ड चलाया गया. औऱ जनता द्वारा गारंटी कार्ड को लपका गया. उससे तो यही सिद्ध होता है कि पार्टियां संविधान को नहीं मानती हैँ औऱ जनता संविधान को नहीं जानती है.
यही कारण हैँ कि देश का अधिकांश क्षेत्र विकास में बहुत पीछे हैँ और सभासद से लेकर विधायक, सांसद हत्या, लूट, गैंगस्टर,खनन, मनी लॉन्डिरिंग से लेकर तमाम तरह के अवैध कामों मेँ लिप्त रहे हैँ