बेटी
कलकल बहते झरने नदियाँ
बहती नदी का छोर हे बेटी |
अम्बर में पंछी नित गाए
पंछी का कलरव है बेटी |
बिंदिया , चूड़ी , झुमके ,कंगना
कंगन की खनखन हे बेटी|
नथनी , रखडी , बिछिया , पायल,
पायल की छमछम है बेटी|
मन के भीतर हलचल - हलचल
चेहरे से सागर है बेटी|
राग , द्वेष ,मद ,लोभ , मोह
भावसूची का सार है बेटी |
पान का पत्ता ,बेल , धतूरा
आँगन की तुलसी है बेटी
हरी घास पर ओस का मोती
बड़े वृक्ष की छाव है बेटी |