हमला - Chapter 3

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02 Jun '24
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कहर गुस्से में बोली- “आपको भी मेरा साथ नहीं देना ना, कोई नहीं मैं खुद कर लुंगी।”

 

 

ये सुन कर अधीर ने हंसते हुए कहा - “अरे मेरी छुटकी, अरे कहर के कहर को रोकने के लिए साक्षात भगवन जी को आना पड़ेगा क्योंकि कहर का जहर तो वो ही पी सकते हैं ना।”

 

 

इस बार तो कहर ने पहले अधीर को घूर कर देखा और फिर दूसरी तरफ देखने लगी। अधीर उससे फिर कुछ कहता कि कहीं से गन फायरिंग की आवाज आई तो दोनों चौंक गए, कहर ने जल्दी से इधर उधर देखा पर कोई नहीं दिखा। तभी एकदम से अधीर के हाथ से गाड़ी का बैलेंस बिगड़ने लगा। उसने स्टेरिंग को बहुत सम्भालने की कोशिश की, पर कंट्रोल नहीं कर पा रहा था, जिप्सी एक घने पेड़ से टकराने वाली थी। कहर ने जल्दी से अधीर का हाथ पकड़ लिया और स्टेयरिंग को पूरी ताक़त से खींचते हुए बोली- “भाई stop...”

 

 

गाड़ी पेड़ के एकदम नज़दीक पहुँच के दूसरी तरफ मुड़ गयी, तब तक अधीर ने फुल स्पीड में ब्रेक पर पैर रख दिया और जिस्पी एक ही जगह पर पूरा राउंड घूम के एक बड़े से पत्थर के सामने हल्का सा टकराते हुए रुक गयी। 

 

 

कहर बार बार आस पास देख रही थी लेकिन कहीं भी कोई दिखाई नहीं दे रहा था, किसी को समझ नहीं आ रहा था कि आवाज आई कहां से थी? अधीर ने पलट कर एक गार्ड को कुछ इशारा किया तो वो जिप्सी से उतर कर जल्दी से नीचे आया और जिप्सी के सामने से वो पत्थर हटाने लगा, लेकिन तभी एक बार फिर से फायरिंग हुई और वो गार्ड वहीं गिर गया क्योंकि फायरिंग उस पर ही हुई थी।

 

 

अब तो अधीर और कहर दोनों ही एक दूसरे को हैरानी से देखने लगे। तभी कहर गुस्से में जिप्सी से कूद गई और अपनी स्टाइल में बोली- “अबे कौन है बे, धतूरे के साइज का है क्या? जो सामने आने में मौत आ रही है! जब इतना ही डर लग रहा था तो आए ही क्यों? पीठ पीछे वार करना कायरों की निशानी है।”

 

 

ऐसा कहते हुए कहर बार बार इधर से उधर तक अपनी नजरें घुमा रही थी।

 

 

तभी एक दम से किसी ने पीछे से कहर के ऊपर वार किया लेकिन उसके पहले ही कहर ने बिना पलटे ही उसका हाथ पकड़ कर उसे आगे की तरफ पटक दिया और उसके सीने पर अपना पैर रख कर बोली- “तुझे क्या लगा कि कहर को इतनी आसानी से मात दे देगा?”

 

 

ऐसा कहते हुए कहर ने एक लात मारी, पर तभी अधीर ने उसे सामने देखने का इशारा किया। उसके इशारे पर कहर ने सामने देखा तो 10-15 आदमियों की एक टोली खड़ी थी।

 

 

ये देखकर कहर और अधीर ने एक दूसरे को देखा और फिर मुस्कुरा दिए। दोनों ही आगे आए और सबको देखने लगे। वैसे भी कहर को फाइटिंग का बहुत शौक था। आज वो अपना हाथ उन पर बरसाने वाली थी। अधीर और कहर ने तिरछी निगाहों से एक-दूसरे को देखा और एक साथ जंप करके सब के ऊपर टूट पड़े।

 

 

क्योंकि उनका एक गार्ड मारा गया था, तो बाकि दूसरी गाड़ी के ड्राइवर को मिला के इन दोनों के साथ 4 लोग और बचे थे। सामने दुश्मन पार्टी के लोगों ने एक-एक करके बाकि लोगों को भी घायल कर दिया। तो अब कहर और अधीर ही सबसे निपट रहे थे।

 

 

अधीर ने एक आदमी को गर्दन से पकड़ लिया और उससे पूछने लगा- "बता किसने भेजा है तुम लोगों को? बोल नहीं तो आगे बोलने के लायक नहीं रहेगा।" वो आदमी कुछ बोलता तभी उसका साथी पीछे से अधीर पर वार करने को हुआ, पर तभी कहर ने हवा में जम्प करके उसके फेस पर एक ज़ोरदार किक मारी, तो वो काफी दूर एक पेड़ से जा टकराया। कहर उसे गुस्से में देखते हुए बोली - "एक बार में बात समझ नहीं आती कि पीठ पीछे वार मत करना। पर तुम लोग लगता है,  ऐसे नहीं मानोगे।" इतना कह कर कहर, अधीर की तरफ देखते हुए ज़ोर से चिल्लाई- “भाई लगता है इनको हमारा डबल पंच दिखाना ही पड़ेगा।”

“हाँ छोटी, चल दिखाते हैं।”

“क्या भाई फिर छोटी ! कोई न चलो पहले इनसे निपटें.. आपको तो मैं बाद में बताती हूँ।”

इसके बाद कहर और अधीर जैसे उन लोगों पर बम के गोलों की तरह बरस पड़े। ऐसा लग रहा था कि थोड़ी ही देर में ये सबको चित्त कर देंगे। कहर और अधीर लड़ते लड़ते एक घने पेड़ के पास आ चुके थे, तभी अचानक से दुश्मन गैंग के एक आदमी ने पेड़ के पीछे से एक रस्सी खींची और ज़मीन पर बिछे जाल में कहर और अधीर फंस के हवा में लटक गए। अब दुश्मन गैंग के सारे लोगों ने उन्हें चारों तरफ से घेर लिया और सब उन पर हंसने लगे। एक आदमी कहर से बोला- “अरे ओ कमसिन कली, बहुत बड़बड़ करे जा रही थी तब से। अरे तुम जैसी खूबसूरत लड़कियों को तो हमारे बॉस की बाहों में होना चाहिए।”

ये सुन अधीर भड़क उठा- “तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरी बहन के लिए ऐसी बात बोलने की। कायरों एक बार ये जाल खोलो फिर बताता हूँ कि किसको किसकी बाहों में होना चाहिए।”

“भाई इन डरपोंक लोगों की हिम्मत ही नहीं है हमसे लड़ने की, तभी तो ऐसे धोखे के साथ वार कर रहे हैं हम पर।”

ये बातें सुन के दुश्मन गैंग के एक आदमी ने जिसके हाथ में हॉकी स्टिक थी, ज़ोर से अधीर के हाथ पर मार दी। अधीर की तेज चीख निकल आयी। कहर की आँखों में कहर बरसने लगा था अपने भाई की ऐसी हालत देख के, वो अपने आपको जाल से निकालने की कोशिश करने लगी। तभी एक आदमी जाल में से निकले हुए उसके हाथ को पकड़ के बोला- “बेबी तुम चाहो तो तुम्हें और तुम्हारे भाई को अभी छोड़ देंगे, बस तुम हमारा साथ दो तो।”

अपने हाथ पर उसका हाथ टच होते देख कहर ने दूसरे हाथ के नाखून उस आदमी के हाथ पर गड़ा दिए, जिस पर चीखते हुए वो अपने जेब से गन निकाल के उसकी तरफ चलाने को हुआ तभी हवा में लहराता हुआ एक डंडा आके उसके हाथ पर लगा। और एकदम से जम्प करता हुआ कोई इन लोगों के और कहर के बीच आके खड़ा हो गया।

सभी उस इंसान को देख के शॉक्ड हो गए।

 

 

 

 

 

 

 

 




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Written by Priya Singh

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