चक्र सुदर्शन

कविता

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15 Jul '24
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                                                  चक्र सुदर्शन            

पीड़ा मेरी हरने को

मुरली मधुर बजाओ ना

चक्रव्यूह में फसा हूँ माधव  

चक्र सुदर्शन चलाओ ना

 

रथ का पहिया धरो ना माधव 

फिर पार्थ सारथी बन जाओ 

बादल में सूरज को छुपाकर 

लीलाधर बन जाओ ना

चक्रव्यूह में फसा हूँ माधव 

चक्र सुदर्शन चलाओ ना

 

भवसागर में नाव फसी है

नाव को पार लगाओ ना

नाग कालिया फन फैलाए 

फन पर नृत्य दिखाओ ना

 

कष्ट हरो हे गिरधारी

करुण कृपा बरसाओ ना

चक्रव्यूह में फसा हूँ माधव 

चक्र सुदर्शन चलाओ ना |

  

Category:Poetry



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Written by Kanika Mehta