"पढ़ लूं तुझे"
चम-चम करती चांदनी सी,
दम-दम करती दामिनी सी,
क्यों आये हो मेरे सावन में,
तुम बरसात की तरह।
बैठ जरा पढ़ लूं तुझे,
एक किताब की तरह।
परियों की लोक से आई है,
झनकार नुपुरों की सुनाई है,
क्यों आये हो मेरे जिंदगी में,
तुम ख्वाब की तरह।
बैठ जरा पढ़ लूं तुझे,
एक किताब की तरह।
तेरी खुशबू से महकती रहे आंगन,
थाम ले तू मेरे नाम की दामन,
तू आजा मेरे बाग में,
एक गुलाब की तरह।
बैठ जरा पढ़ लूं तुझे,
एक किताब की तरह।
Village Rausarkhar Post-Lamsarai Tahsil-pushparajgarh District Anuppur MP pin 484881, mo-7999611513 9669366225
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