दुनिया की सभ्यता में मित्रता का विशेष स्थान है क्योंकि मित्रता के नाम पर दुनिया के हर कोने में तमाम कहानियाँ मौजूद है.जो विश्वास औऱ त्याग औऱ करुणा का श्रेष्ठत्तम उदाहरण हैँ.
लेकिन वर्तमान परिपेक्ष्य में मित्रता के मायने बेहद सीमित औऱ स्वार्थपूर्ण हो गए औऱ मित्रता के दो बेहद स्वार्थ औऱ छदम शब्द प्रचलन में हैं
यह दो शब्द हैँ गर्लफ्रेंड औऱ बॉयफ्रेंड.
इन दो शब्दों में दुसहस,स्वार्थ औऱ वासना छुपी हैँ. और पूरी तरह से अधार्मिक, असामाजिक औऱ अपरिवारिक है
गर्लफ्रेंड के शब्द में विपरीत लिंगी आकर्षण औऱ वासना हैँ. जो मानसिक रोग औऱ पारवारिक अपरिपक्वता को दर्शाता है क्योंकि ऐसे में युवक अपने मित्रों के बीच झूठी प्रतिष्ठा हासिल करना चाहता है
झूठी प्रतिष्ठा इसलिए है क्योंकि एक तरफ तो उसका उद्देश्य अपराध करके अपना भविष्य ख़राब करना है.
दूसरी तरफ एक लड़की के जीवन से आत्मसम्मान छीन लेना है.
वर्तमान में ऐसे असंख्य उदाहरण किसी को अपने आस पास बिना खोजे मिल जाते हैँ
भावुकता से बाहर आने पर में स्त्री को भी अपराध बोध हो जाता है.
स्त्री के जीवन को प्रताड़ित करने के सारे काम वो मानसिक रोगी अपने शातिर दिमाग़ स्त्री को ब्लैकमेल करके कर देता है.