अच्छा आचरण ही अच्छा व्यवहार बनाते हैं. जैसा आप अपने लिए चाहते हो वैसा ही दूसरों के साथ करना चाहिए. यादि आप चाहते हैं की लोग आपकी मदद करे तो आपको भी लोगों की मदद करना चाहिए। जिस दिन मनुष्य दूसरे लोगों से वैसा ही आचरण करने लगेगा जैसा वह खुद के लिए चाहता है , दुनिया से बुराई का अंत हो जाएगा । क्यों कोई व्यक्ति अपने भीतर झांक कर नही देखता है , हर समय दूसरों में कमी निकालता रहता है हर मनुष्य मे कोई न कोई कमी होती है कोई भी परिपूर्ण नहीं होता पूर्ण तो मात्र ईश्वर ही है हम तो बहुत तुच्छ है ईश्वर के बताए मार्ग पर चलने से हम महानता को प्राप्त कर सकते है । सतमार्ग पर चल कर ही ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है एक मनुष्य सभी प्राणी जगत में ईश्वर को ढूंढेगा तो स्वताः ही वह कल्याण को प्राप्त होगा।
richa dixit
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