“अवनी, यार जल्दी करो, हमें लेट हो रहा है।” सौरभ कार के पास खड़ा हुआ चिल्ला रहा था।
घर के अंदर से अवनी की आवाज आई- “बस दो मिनट और रुक जाओ सौरभ। अभी आ रही हूँ।” बोलते हुए अवनी घर की सीढ़ियों पर आई और घर के मेन गेट पर लॉक लगाने लगी।
लॉक लगाने के बाद अवनी सौरभ के पास आई और जल्दी से कार का दरवाजा खोल कर अंदर बैठ गई। अवनी के पास एक बड़ा सा ट्रैवल बैग था।
सौरभ जैसे ही कार की ड्राइविंग सीट पर बैठा, अवनी ने ट्रैवल बैग पिछली सीट पर डाल दिया और आँख बंद करके बैठ गई।
सौरभ ने ड्राइविंग शुरू कर दी। ड्राइविंग करते हुए सौरभ ने अवनी की तरफ देखा और बोला- “क्या हुआ अवनी, तुम शीशमहल की हवेली को देखने के लिए तैयार क्यों नहीं हो?”
अवनी ने आँखें खोल कर सौरभ की तरफ देखा और बोली- “मैंने जब से उस हवेली का नाम सुना है, मुझे बड़ी ही अजीब सी फीलिंग आ रही हैं।”
सौरभ ने अवनी की बात का जवाब देने के लिए अपना मुँह खोला ही था कि सौरभ की कार के सामने एक बड़ा सा पक्षी आ गया।
सौरभ ने झटके से कार रोक दी। सौरभ और अवनी दोनों कार से बाहर निकले और इधर उधर देखने लगे।
कार के सामने तो कोई नहीं था लेकिन सामने शीशमहल की हवेली जरूर थी। शीशमहल की हवेली को देखते ही अवनी के चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कान आ गई।
अवनी ने खिड़की के अंदर से अपना बैग उठाया और सौरभ को नजरअंदाज करते हुए हवेली की तरफ बढ़ गई।
अवनी को हवेली की तरफ जाता हुआ देख कर सौरभ हैरान रह गया। सौरभ का मुंह बन गया और चिढ़ते हुए खुद से बोला- “ये लड़की भी कमाल की है। अभी तो यहाँ आने से मना कर रही थी और अब खुद ही…।”
बोलते हुए सौरभ अवनी के पीछे हवेली के अंदर भागा। हवेली के अंदर पहुँचते ही सौरभ हैरान रह गया। शीशमहल की हवेली किसी महल की तरह सजाई गई थी।
सौरभ ने इधर उधर देखा लेकिन उसे अवनी कहीं दिखाई नहीं दी। अवनी को ढूँढते हुए जैसे ही सौरभ हवेली के अंदर आगे बढ़ा, हवेली का दरवाजा बंद हो गया।
सौरभ ने हैरानगी से पीछे मुड़कर देखा कि तभी उसे अवनी के हँसने की जोरदार आवाज सुनाई दी। अवनी की हँसी पूरी हवेली में गूंज रही थी।
सौरभ ने पीछे पलट कर देखा तो अवनी उसके सामने दुल्हन के लाल लिबास में खड़ी थी। अवनी के चेहरे पर एक शैतानी मुस्कान थी।
“ये सब क्या है अवनी? तुमने ये दुल्हन के कपड़े क्यो पहने हैं?” पूछते हुए सौरभ अवनी की तरफ बढ़ने लगा लेकिन अवनी तक पहुंच नहीं पाया।
अवनी जोर से हँसने लगी और बोली- “क्यो तुम मुझसे शादी नहीं करना चाहते थे सौरभ?”
अवनी को एक अलग अंदाज में देख कर सौरभ पहले ही उलझन में