आखिर बच्चे माता-पिता को क्यों नहीं समझते हैं

ProfileImg
19 Jun '24
5 min read


image

आखिर बच्चे माता-पिता को क्यों नहीं समझते हैं

मेरा एक यही प्रश्न है कि आखिर बच्चे माता-पिता को क्यों नहीं समझता आखिर बदलते वक त  के साथ संबंधों में भी बदलाव होते जा रहे हैं आखिर ऐसा क्यों होता जा रहा है क्यों माता-पिता  अब बोझ बनने लग गए हैं।

परिवार क्या है 

परिवार शब्द की परिभाषा आज के युग में और इससे पहले के युग में दोनों ही तरफ से इस परिभाषा का अर्थ अब बदल चुका है हम प्राचीन काल में अगर परिवार का अर्थ समझते हैं तो परिवार का अर्थ होता है जिसमें माता-पिता दादा-दादी भाई-बहन चाचा चाचा बच्चे सब मिलकर एक संयुक्त परिवार बनाते हैं जिसमें सभी का अपना-अपना महत्व और सभी का अपना-अपना एक किरदार होता है। 

वर्तमान युग में अगर हम परिवार के बारे में बात करें तो परिवार की परिभाषा बदल चुकी है अब परिवार का वर्तमान में अर्थ पति-पत्नी और उनके बच्चे हो गए हैं अब उसे परिवार में दादा-दादी चाचा चाची  भाई बहन का कोई अधिकार नहीं रहा है तो वर्तमान युग में इसको हम परिवार कहते हैं। 

 

माता-पिता की अहम भूमिका। 

आज वर्तमान युग में जो भी हो रहा है या जिस प्रकार से बच्चे अपने माता-पिता के साथ व्यवहार कर रहे हैं यह किसी दूसरे की देन नहीं है यह खुद स्वयं अपनी परवरिश की देन है आप जिस प्रकार से अपने बच्चों की परवरिश करेंगे जिस प्रकार से अपने बच्चों को सीख देंगे वही चीज बच्चा सीख कर आगे आपके साथ दोहराएगा। 

आप लोगों को ऐसा लगता है कि बच्चे कुछ देखते नहीं बच्चे कुछ समझते नहीं है उन बच्चों के सामने आप अपने माता-पिता के साथ जैसा भी व्यवहार करेंगे वही व्यवहार आपके साथ रिपीट होगा आप चाहे तो इसको लिखकर रख सकते हैं जैसा कि आप अपने माता-पिता के साथ कर रहे हैं जैसा सलूक आप उनके साथ कर रहे हैं जिस प्रकार से आप उनसे बातचीत करते हैं वह सारी चीज रिपीट आपके साथ होगी वह सारी चीज आपके साथ दोहराई जाएगी। बच्चे जो आपको देख रहे हैं जो आपसे सीख रहे हैं वही आपके साथ दोहराएंगे क्योंकि उन्हें यह समझ में आ जाएगा कि जिस प्रकार से मेरे माता-पिता ने उनके माता-पिता के साथ व्यवहार किया है शायद ऐसा ही व्यवहार समाज में होता है और इसी को परिवार कहते हैं तो वह भी अपने माता-पिता की सीख में लग जाता है और उसके माता-पिता जिस प्रकार से अपने माता-पिता से व्यवहार करते हैं वैसा ही व्यवहार वह बच्चा अपने माता-पिता के साथ करता है। 

तो एक बच्चे की जो परवरिश होती है वह सबसे महत्वपूर्ण होती है उसके जीवन को एक दिशा देने के लिए अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा आपकी इज्जत करें आपका बच्चा आपकी कद्र करें तो सबसे पहले आपको बदलना होगा सबसे पहले आपको यह देखना होगा कि आप किस प्रकार से अपने मां का पिता की सेवा कर रहे हैं किस प्रकार से अपने माता-पिता की देखभाल कर रहे हैं बस जैसा आप करेंगे वैसा आपके साथ होगा। 

बच्चे क्यों नहीं सीख पाते हैं। 

बच्चे हमेशा वही चीज़ सीख लेते हैं जो उन्हें सिखाया जाता है और जैसा वह देखते हैं जैसा माता-पिता अन्य लोगों के साथ व्यवहार करते हैं वैसा ही व्यवहार बच्चा सीखने जाता है आप अगर अपने माता-पिता के साथ अच्छा व्यवहार करते हैं तो वह बच्चा भी यही कोशिश करेगा यही प्रयास करेगा के मेरे पिता उनके माता-पिता के साथ कितनी अच्छी तरीके से व्यवहार करते हैं तो मैं भी अपने माता-पिता के साथ वैसा ही करूंगा जिस प्रकार से माता-पिता अन्य लोगों के साथ व्यवहार करते हैं बातचीत करते हैं अब उसे बातचीत में चाहे वह झूठ बोलते हो चाहे वह सत्य बोलते हो वह जैसे भी वचन का उपयोग करते हैं वही चीज वही बात बच्चे सीखते हैं और वह अपने जीवन में उसे आगे बढ़ने का प्रयास करते हैं क्योंकि उन्हें पता है कि मेरे पिता सच बोलते हैं तो बच्चा भी सच बोलना सीखेगा और अगर मेरे पिता झूठ बोलते हैं तो वह भी झूठ बोलना सीखेगा अगर मेरे माता-पिता षड्यंत्र करना सिखाते हैं तो वह भी षड्यंत्र करना सीखेगा और मेरे माता-पिता अगर देखभाल करते हैं सहयोग करते हैं प्रेम की भावना रखते हैं तो बच्चा भी इस प्रकार उनको देखकर सीता जाएगा और लोगों के साथ वैसा व्यवहार करेगा। 

 

माता-पिता का दर्द क्यों नहीं समझते। 

आज वर्तमान समय में सब अपना परिवार अपना परिवार करके अपने परिवार से अलग हो जाते हैं और शादी करने के बाद अपने माता-पिता को भूल जाते हैं यहां तक के आपके बच्चों को यह भी पता नहीं होता है कि उनके दादा-दादी चाचा चाचा भी है लेकिन जब वह अपने परिवार से दूर हो जाते हैं तो इन सभी रिश्ते  को वह भूल जाते हैं उन्हें पता भी नहीं रहता है कि हमारे परिवार में और भी कोई लोग हैं और यह सब उन लोगों के कारण होता है जो आजादी से जीना पसंद करते हैं यह सोचते हैं कि अगर हम परिवार में रहेंगे तो परिवार वाले हमें रोकेंगे टोकेंगे हमें खुलकर जीने नहीं देंगे तो इस तरह के लोग जब अपने जीवन में आजादी पसंद करते हैं तो एक दिन ऐसा वक्त भी आता है कि उनके बच्चे भी जब उनकी शादी होगी तो वह भी अपने परिवार को लेकर अलग हो जाएंगे फिर जिस प्रकार से अपने अपने माता-पिता के साथ जो व्यवहार किया है वही व्यवहार वह भी आपके साथ करेंगे।

 

 

 

 

 

 

 

 




ProfileImg

Written by Anil palashiya

I enjoy the writing style. And this is my profession too