जानिये कैसे हुई प्रतिष्ठित "नोबेल पुरस्कारों" की शुरुआत ?

इन 10 भारतीयों को भी नोबेल प्राइज से किया जा चुका है सम्मानित

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12 Oct '23
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भारत में किसी भी क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ देने वाले व्यक्तियों को भारत रत्न नामक सम्मान दिया जाता है। यह सम्मान भारत का सर्वोच्च सम्मान है। वहीं वैश्विक परिप्रेक्ष्य की बात की जाए, तो नोबेल पुरुस्कारों को सर्वोच्च पुरूस्कार माना जाता है। प्रत्येक वर्ष अक्टूबर महीने की शुरुआत होते ही, इन पुरुस्कारों को पाने वाले व्यक्तियों की घोषणा कर दी जाती है। नोबेल पुरूस्कार वैसे तो एक वैज्ञानिक के सम्मान में दिया जाने वाला पुरूस्कार है, लेकिन वर्तमान में इसे 6 विभिन्न विषयों में प्रदान किया जाता है। सौ से ज़्यादा सालों से दिया जाने वाला यह पुरूस्कार, आज सामाजिक सरोकार के उद्देश्य से किये जाने वाले कार्यों पर से सबसे सम्माननीय पुरूस्कार है। 

वर्ष 2023 के नोबेल पुरुस्कारों की घोषणा आखिर कर दी गयी  है। साहित्य (Literature), रसायन (Chemistry), चिकित्सा (Medicine) समेत सभी क्षेत्रों के नोबेल पुरूस्कार घोषित हो गए हैं। इस लेख में आप नोबेल पुरूस्कार के बारे में जानेंगे। आप जानेंगे, कि आखिर नोबेल पुरुस्कारों की शुरुआत कैसे हुई, और अब तक के वे महत्वपूर्ण व्यक्ति जिन्हें नोबेल पुरुस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। भारत में भी बहुत से व्यक्तियों को नोबेल पुरूस्कार से नवाज़ा जा चुका है। इस लेख में हम ऐसे भारतीयों के बारे में भी जानेंगे, अतः अंत तक बने रहे। 

Image Credit : Unsplash.com

कैसे हुई नोबेल पुरुस्कारों की शुरुआत ?

नोबेल पुरूस्कार, स्वीडन के प्रसिद्द वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की याद में प्रदान किया जाता है। अल्फ्रेड नोबेल को विश्व के महानतम वैज्ञानिकों में गिना जाता है। अपने सम्पूर्ण जीवन में उन्होंने लगभग 355 आविष्कार किये थे, लेकिन जिस आविष्कार ने उन्हें भरपूर ख्याति एवं पैसा दिया, वह था डायनामाइट विस्फोटक का आविष्कार। नोबेल की मृत्यु साल 1896 में दिल का द्वारा पड़ने से हो गई थी। उन्होंने शादी तो की नहीं थी, तो सवाल था उनकी संपत्ति का वारिस किसे चुना जाये। नोबेल अपने जीवन में कहीं न कहीं डायनामाइट के आविष्कार के लिए दुखी महसूस करते थे, क्योंकि वे ये जानते थे कि इसका गलत उपयोग कितना भयानक हो सकता है।

उन्होंने अपनी मृत्यु से पहले ये निर्णय लिया था, कि उनकी संपत्ति उन लोगों में बांटी जाए, जिन्होंने मानव कल्याण हेतु अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया हो। मृत्यु से पहले उन्होंने अपनी संपत्ति का अधिकतम हिस्सा एक संस्था हेतु सुरक्षित रख दिया। साल 1900 में अल्फ्रेड नोबेल की याद में नोबेल फाउंडेशन नाम की संस्था की स्थापना हुई, जिसका उद्देश्य अल्फ्रेड नोबेल की पुरूस्कार को लेकर योजना को पूरा करना था। साल 1901 से प्रत्येक वर्ष नोबेल पुरुस्कार का वितरण शुरू हो गया, जिसकी पुरूस्कार राशि स्वदेश बैंक में सुरक्षित नोबेल की संपत्ति के ब्याज से दी जाती थी। 

प्रारम्भ में ये पुरूस्कार केवल चिकित्सा (Medicine), भौतिकी (Physics), रसायन (Chemistry), साहित्य (Literature) एवं शांति (Peace) के क्षेत्र में ही प्रदान किया जाता था। साल 1968 में स्वदेश बैंक ने अपनी 300वी वर्षगाँठ मनाई, जिसमें उसने यह निर्णय लिया, कि अबसे अर्थशास्त्र (Economics) में भी नोबेल पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। वर्ष 1969 में नॉर्वे देश के रैगनर एंथोन किटील फ्रिश और नीदरलैंड के यान टिरबेरगेन को अर्थशास्त्र में पहला नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया। 

क्या-क्या होता है नोबेल पुरस्कार में ?

नोबेल पुरस्कार की घोषणा प्रत्येक वर्ष अक्टूबर के महीने में कर दी जाती है, लेकिन पुरूस्कार वितरण 10 दिसंबर को अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि के दिन किया जाता है। यह प्राइज स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में स्वीडन के राजा द्वारा दिया जाता है। इस प्राइज में प्राप्तकर्ता को एक स्वर्ण पदक, एक डिप्लोमा एवं 10 मिलियन स्वीडिश क्रूना ( स्वीडन की मुद्रा ), यानी कि लगभग 7.5 करोड़ रुपये दिए जाते हैं। यदि किसी एक क्षेत्र में दो या दो से अधिक प्राप्तकर्ता चुने जाएं, तो राशि आपस में बाँट ली जाती है। नोबेल फाउंडेशन में 5 स्थाई सदस्य होते हैं, जिनमें से अध्यक्ष का चुनाव, स्वीडन के “किंग ऑफ़ कॉउन्सिल” द्वारा किया जाता है।

जानिये प्रथम नोबेल पुरस्कार किन्हें मिला था ?

भौतिकी का नोबेल पुरस्कार :- 

साल 1901 में वैज्ञानिक विल्हेम कोनराड रोन्टगन को भौतिकी के क्षेत्र में पहला नोबेल पुरुस्कार दिया गया था। यह अवार्ड उन्हें X-Ray की खोज करने पर मिला था। इस खोज ने चिकित्सा जगत में क्रांति ला दी थी, जिसके कारण शरीर में किसी भी प्रकार की चोट लगने पर उस स्थान की हड्डियों को X-Ray के माध्यम से देख व जांचा जा सकता है। 

रसायन का नोबेल पुरस्कार :-

केमिस्ट्री/ रसायन में पहला नोबेल प्राइज जैकोबस एच. वैन टी हॉफ को पौधों के सूख जाने के कारण समझाने पर प्रदान किया गया था। 

चिकित्सा का नोबेल प्राइज :-

एमिल वॉन बेह्रिंग को डिप्थेरिआ नाम की जानलेवा बीमारी का हल ढूंढने के लिए नोबेल पुरस्कार से नवाज़ा गया था। इस बीमारी के इलाज के लिए उन्होंने सीरम थेरेपी की खोज की थी। 

शांति का नोबेल प्राइज :-

शांति का पहला नोबेल पुरस्कार दो व्यक्तियों के बीच साझा किया गया था। इनमें से पहले व्यक्ति अंतर्राष्ट्रीय संस्था रेडक्रॉस के संस्थापक हेनरी ड्यूनैंट थे जबकि दूसरे व्यक्ति शांतिवादी नेता फ्रेडरिक पैसी थे। 

साहित्य का नोबेल पुरस्कार :-

साहित्य का पहला नोबेल, सुली प्रधोमें नामक साहित्यकार को प्रदान किया गया था, जिन्होंने अपनी आखों की बीमारी के कारण इंजीनियरिंग की पढाई छोड़ अपना जीवन साहित्य लेखन में लगा दिया था। 

अर्थशास्त्र का पहला नोबेल :-

अर्थशास्त्र का पहला नोबेल प्राइज वर्ष 1969 में नॉर्वे के रैगनर एंथोन किटील फ्रिश और नीदरलैंड्स के यान टिरबेरगेन को प्रदान किया गया था। 

 नोबेल पुरस्कार से नवाज़े जाने वाले भारतीय 

अबतक करीब 10 भारतीयों को विभिन्न क्षेत्रों में नोबेल पुरूस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। भारत के राष्ट्रगान की रचना करने वाले रबीन्द्रनाथ टैगोर वे पहले भारतीय व्यक्ति थे, जिन्हें नोबेल दिया गया था। आइये जानते हैं, उन सभी 10 भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेताओं को :

रवीन्द्रनाथ टैगोर :-

Rabindranath Tagore ( Image Credit : Wikimedia Commons )

बंगाली के प्रसिद्ध लेखक, विचारक रवीन्द्रनाथ टैगोर को अपनी उत्कृष्ट साहित्य सेवा के लिए वर्ष 1913 में साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था। यह पुरस्कार उन्हें अपनी रचना “गीतांजलि” के लिए मिला था। रवीन्द्रनाथ टैगोर को आधुनिक भारत के महान विचारकों में गिना जाता है, जिन्होंने अपने साहित्य में आलोचना, दर्शन, जीवन के पहलुओं पर लिखा। उनकी रचनाएं पूरे विश्व में सराही गईं। रवीन्द्रनाथ टैगोर ने भारत एवं बांग्लादेश का राष्ट्रगान भी लिखा है। 

चंद्रशेखर वेंकटरमन :-

Sir C.V. Raman ( Image Credit : Wikimedia Commons )

लाइट कणों के बिखरने ( Scattering of Light Particles ) के सम्बन्ध को समझाने के लिए, सर सी वी रमन को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकटरमन को ऊर्जा एवं रोशनी के सम्बन्ध को समझाने के लिए जाना जाता है। 

हरगोबिंद खुराना :-

ख्यातिलब्ध भारतीय विज्ञानी हरगोबिंद खुराना को वर्ष 1968 में जेनेटिक कोड समझाने के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। हरगोबिंद खुराना ने विश्व की प्रसिद्ध मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के साथ इलेक्ट्रान के विषय में शोध कार्य किये थे। 

मदर टेरेसा :-

Mother Teresa ( Image Credit : Wikimedia Commons )

मदर टेरेसा मूल रूप से मेसेडोनिया से ताल्लुक रखती थी। लेकिन भारत से जुड़ाव होने के कारण वे यहाँ आईं, और कलकत्ता में ही जीवन पर्यन्त बीमारियों से ग्रसित लोगों, महामारी से पीड़ित व्यक्तियों, बुजुर्गों और गरीबों की सेवा का कार्य किया। साल 1979 में अपने सेवा कार्य के लिए नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था। इसके अलावा उनकी मृत्यु के उपरांत पोप फ्रांसिस द्वारा उन्हें संत की उपाधि दी गई थी। 

सुब्रमण्यम चंद्रशेखर :-

देश के प्रसिद्ध वैज्ञानिक सुब्रमण्यम चंद्रशेखर को वर्ष 1983 में भौतिकी के क्षेत्र में नोबेल प्राइज से सम्मानित किया गया था। चंद्रशेखर का जन्म आज के पकिस्तान में स्थित लाहौर शहर में हुआ था, और वहां से वे भारत आ गए थे। वे लम्बे समय तक विश्व के सबसे अग्रणीय शैक्षणिक संस्थानों में से एक शिकागो विश्वविद्यालय से जुड़े लगे और शोध कार्य करते रहे। उन्होंने तारों की संरचना के बारे में शोध कार्य किये थे। 

अमर्त्य सेन :-

अमर्त्य सेन देश के ख्यातिलब्ध अर्थशास्त्री हैं। इनका जन्म साल 1933 में पश्चिम बंगाल में हुआ था, लेकिन पढाई वर्तमान बांग्लादेश की राजधानी ढाका में पूरी की। ये विश्व के बहुत से नामी विश्वविद्यालयों में अध्यापन कार्य कर चुके हैं। साल 1998 में अमर्त्य सेन को अर्थशास्त्र में नोबेल अवार्ड से सम्मानित किया गया था। 

विद्याधर सूरजप्रसाद नायपॉल :-

सर विद्याधर सूरजप्रसाद नायपॉल बुकर पुरस्कार से सम्मानित लेखक हैं। त्रिनिदाद में जन्में भारतीय मूल के लेखक वीएस नायपॉल को साल 2001 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया था। नोबेल प्राइज मिलने से पहले इन्हें साहित्य जगत के सबसे बड़े पुरस्कारों में से एक बुकर प्राइज से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा साल 1990 में ब्रिटेन सरकार ने इन्हें नाईटहुड सम्मान भी दिया है। 

वेंकटरमन रामकृष्णन :-

वेंकटरमन रामकृष्णन भारतीय मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक हैं। वे एक जीव विज्ञानी हैं, जिन्हें वर्ष 2009 में रसायन के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यह पुरस्कार उन्हें रिबोसोम की संरचना के बारे में अपने शोध के कारण दिया गया था। रामकृष्णन ने साल 1977 में लगभग 95 शोधपत्र प्रकाशित किये थे, और रिबोसोम (Ribosome) के सम्बन्ध में साल 1999 में तीन शोधपत्र प्रकाशित किये। वेंकटरमन रामकृष्णन ने कुछ समय के लिए प्रतिष्ठित कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य भी किया था। यह बात उल्लेखनीय है कि रामकृष्णन शिक्षाविदों के बीच पले-बढे। उनके पिता सीवी रामकृष्णन एवं माँ राजलक्ष्मी स्वयं वैज्ञानिक थे।  

कैलाश सत्यार्थी :-

भारत के मध्यप्रदेश राज्य में जन्में मानवाधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी को वर्ष 2014 में शान्ति के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया था। साल 1954 में विदिशा में पैदा हुए कैलाश सत्यार्थी ने अपना पूरा जीवन बालश्रम के विरूद्ध समर्पित किया हुआ है। अपने जीवन के सबसे सुनहरे समय में भट्टियों और पटाखे की फैक्टरियों में झोंक दिए जाने वाले बच्चों को न्याय दिलाने के लिए बचपन बचाओ आंदोलन की शुरुआत की, और अभी तक वे 70000 से ज़्यादा बच्चों के अधिकारों की रक्षा कर चुके हैं। कैलाश सत्यार्थी पेशे से इंजीनियर हैं, लेकिन उन्होंने कुछ समय तक के लिए अध्यापन कार्य भी किया है। बाद में बच्चों के लिए उन्होंने शिक्षा कार्य छोड़ दिया था। 

अभिजीत विनायक बनर्जी :-

वर्ष 1961 में मुंबई शहर में जन्मे अभिजीत विनायक बनर्जी को साल 2019 में अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया था। यह पुरस्कार उन्होंने अपनी पत्नी इश्तर डूफ्लो एवं हारवर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर माइकल क्रेमर के साथ साझा किया था। उन्हें गरीबी हटाने की दिशा में काम करने पर नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था। उन्होंने अपनी पढ़ाई कलकत्ता विश्वविद्यालय एवं जेएनयु से पूरी की और हारवर्ड विश्वविद्यालय से पीएचडी करी।

नोबेल पुरस्कार से जुड़े अन्य रोचक तथ्य :-

→ प्रसिद्ध महिला वैज्ञानिक मैरी क्यूरी एकमात्र ऐसी महिला नोबेल पुरस्कार प्राप्तकर्ता हैं, जिन्हें वर्ष 1903 में भौतिकी के क्षेत्र में एवं वर्ष 1911 में रसायन के क्षेत्र में नोबेल प्राइज से सम्मानित किया गया था।   

→ वर्ष 1901 से 2018 तक करीब 590 नोबेल पुरस्कार 935 लोगों को प्रदान किये गए, जिनमें से केवल 50 महिलायें थीं। 

→ फ्रेडरिक सेंगर नामक वैज्ञानिक एकमात्र ऐसे प्राप्तकर्ता हैं, जिन्हें दो बार रसायन के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया था। पहला पुरस्कार साल 1958 में और दूसरा 1980 में। 

→ सभी विषयों के नोबेल पुरस्कार स्वीडन देश की राजधानी स्टॉकहोम में प्रदान किये जाते हैं, सिवाय शांति पुरस्कार के। नोबेल शांति पुरस्कार को प्रत्येक वर्ष अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि, 10 दिसंबर के दिन नॉर्वे के राजा की उपस्तिथि में ओस्लो शहर में प्रदान किया जाता है।  

Category:Education



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Written by Rishabh Nema

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