हमारे जीवन के प्रत्येक पहलु और प्रत्येक निर्णय के पीछे हमारा मस्तिष्क होता है। हम किस तरह से सोचते हैं, कार्य करते हैं और किन चीज़ों से जुड़ाव महसूस करते हैं, ये सब कार्य हमारा मस्तिष्क तय करता है। यदि हमारा मानसिक स्वाथ्य ठीक ना हो, तो हमारा शरीर भी ठीक से कार्य नहीं करता है। आजकल के भागदौड़ भरे जीवन में आये दिन हम लोगों को अवसाद, तनाव, चिंता, गुस्से और चिढ़चिढ़ेपन से ग्रस्त देखते हैं। इसकी वजह उनका कमज़ोर होता मानसिक स्वास्थ्य ही है, जो धीरे-धीरे उनके शारीरिक स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है। आमतौर पर यह देखा गया है, कि चिड़चिड़े या फिर अत्यधिक तनाव लेने वाले व्यक्ति जल्द ही उच्च रक्तचाप, मधुमेह जैसी विभिन्न बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं। ना केवल बड़े लोग, बल्कि अब तो किशोरों और युवाओं में भी गंभीर अवसाद के लक्षण देखने को मिल रहे हैं।
ऐसे में यह काफी महत्वपूर्ण हो जाता है, कि हम अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें। इस लेख में बताये गए पॉइंट्स यदि आप अपने जीवन में उतारने में सक्षम हो पाते हैं, तो यकीनन आप अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने में कामयाब होंगे, और ये कामयाबी आपके आने वाले जीवन की सफलताओं के लिए भी निर्णायक साबित होगी।
हम सभी अपने दैनिक कार्यों को करते हुए कभी न कभी उनसे थोड़ा बहुत तो ऊबते ही हैं। ऐसे में अपने दिन को थोड़ा रोमांचक बनाने के लिए कोई ऐसा कार्य जरूर होना चाहिए जिसे करते समय आप आसपास के माहौल से पूरी तरह अलग महसूस करने लगो। आपको वह कार्य करते समय किसी भी प्रकार की चिंता ना रहे। जब कभी आप दिन में तनाव महसूस करें, तो उस कार्य के लिए थोड़ा समय जरूर निकल लें, जिसे करने में आपको वास्तव में ख़ुशी मिलती है। हर व्यक्ति के लिए उसके शौक अलग हो सकते हैं। किसी के लिए किताबें पढ़ना शौक हो सकता है। किताबें पढ़ते समय वह पूर्णतः उनमें तल्लीन हो सकता है। तो किसी को चित्रकारी का शौक हो सकता है। किसी को कोई तरह का खेल पसंद हो या फिर किसी का शौक खाना बनाना ( कुकिंग ) हो सकता है। शौक कोई भी हो, वह आपको उस वक्त से बाहर निकालने में सहायक होना चाहिए, जिस वक्त आप तनाव में थे।
हमारा मानसिक स्वास्थ्य हमारे विचारों पर निर्भर करता है। हम किसी भी चीज़ को किस नज़रिये से देखते हैं, किसी भी विषय के प्रति हमारा क्या दृष्टिकोण रहता है, एवं हमारे सोचने की क्षमता क्या है, ये सब चीज़ें इस बात पर निर्भर करती हैं कि हम अपने मस्तिष्क को आहार क्या दे रहे हैं। जिस प्रकार शरीर के लिए आहार आवश्यक है, उसी प्रकार हमारे मस्तिष्क के लिए भी आहार आवश्यक है। ये आहार होता है विचारों का। अतः हमे प्रतिदिन कुछ अच्छा पढ़ने की आदत ज़रूर डालनी चाहिए। यह किसी प्रकार की प्रेरणादायक किताब हो सकती है, किसी सफल व्यक्ति की आत्मकथा हो सकती है, या फिर सेल्फ हेल्प किताबें हो सकती हैं, जो हमारे जीवन को व्यवस्थित रखने में मदद कर सकती हैं।
नियमित एक्सरसाइज करना ना केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को सही रखने में मदद करता है, बल्कि इससे हमारा मानसिक स्वास्थ्य भी दुरुस्त रहता है। सुबह की प्राकृतिक और स्वच्छ हवा में थोड़ा बहुत व्यायाम करने की आदत डालना हमारे बौद्धिक स्तर में सुधार लाने में सहायक होता है। इससे हमारे मस्तिष्क तक रक्त का संचार सही तरह से हो पाता है। बहुत अधिक कसरत करने से भी बचना चाहिए, इससे हमारे शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। यदि कसरत ना कर पाएं, तो थोड़ा बहुत टहलना, और ध्यान जरूर करना चाहिए।
हमें अक्सर लम्बी नींद लेने की सलाह दी जाती है। लेकिन यह नींद होनी कैसी चाहिए ? शोधों में यह पाया गया है कि गहरी नींद हमारे मस्तिष्क पर लम्बी नींद की अपेक्षा अधिक असर डालती है। इसका यह मतलब नहीं कि आप काम सोएं, लेकिन जितनी भी नींद लें, वह गहरी होना चाहिए। गहरी नींद के लिए यह आवश्यक है कि सोने से पहले आपके मस्तिष्क में कोई बेमतलब के विचार ना घूम रहे हों। इसके लिए सोने से कम से कम 40 मिनट पहले आप मोबाइल से एकदम अलग हो जाइये। ना सिर्फ मोबाइल, बल्कि किसी भी स्क्रीन से कम से कम चालीस मिनट दूर रहने के बाद आप जब सोयेंगे, तो नींद वास्तव में गहरी आएगी। आप चाहें तो मोबाइल खुद से अलग करने से पहले कोई मंद ध्वनि का शांतिपूर्ण संगीत सुन सकते हैं, जो आपको गहरी नींद दिलाने में सहायक होगा।
हम सभी यह अच्छी तरह से जानते हैं कि मनुष्य एक सामजिक प्राणी है। जीवन के हर पड़ाव पर उसे किसी ना किसी व्यक्ति की आवश्यकता पड़ती है। यदि आप किसी नकारात्मक व्यक्ति के संपर्क में आते हैं, तो आपके विचार भी नकारात्मक हो जायेंगे, जो आपकी मानसिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव डालेंगे। इसके लिए यह ज़रूरी है कि हम ऐसे लोगों के संपर्क में आएं, जिनसे हम कोई वैल्यू, कोई नई चीज़ सीख सकें। उनके अच्छे व्यवहार, उनके बात करने के तरीके पर ध्यान देकर हम अपने व्यक्तित्व में भी सुधार ला सकते हैं। साथ ही साथ आपके तनावपूर्ण समय में वे व्यक्ति आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं। इसलिए बेहतर संपर्क बनाना काफी महत्वपूर्ण है।
जी ! अकसर हमारे साथ ऐसा होता है, कि हम किसी एक कार्य को कर रहे हों, और ज़बरदस्ती हम पर उसी वक्त दूसरा काम थोपा जा रहा हो, यदि वह उतना आवश्यक नहीं है, और किसी अन्य व्यक्ति से भी करवाया जा सकता है, तो हम चाह कर भी उसे ना नहीं कह पाते। इसमें ध्यान देने वाली बात ये है कि यह काम आपकी प्रोफेशनल लाइफ से जुड़ा काम नहीं होना चाहिए, वो तो आप करेंगे ही। लेकिन कुछ ऐसे काम, जिनके बीच आप बेमतलब में फंस जाएँ, उदाहरण के लिए आपको कोई बहुत जरूरी काम है, और उसी वक्त आपका मित्र आपसे घूमने जाने की बात कह रहा है, आपको इसमें द्वन्द नहीं होना चाहिए कि ऐसी स्थिति में क्या किया जाए। यदि आप ऐसी स्थिति में फंसते हैं, तो आप पर फ़िज़ूल का मानसिक दवाब आएगा। इसलिए यह आवश्यक है, कि आप विनम्रतापूर्वक किसी कार्य को ना कहना सीखें।
→ तो ये कुछ पॉइंट्स ऐसे थे, जो आपको एक बेहतर मानसिक स्थिति देने में मददगार साबित हो सकते हैं। इसके अलावा अपने खानपान पर ध्यान देना भी काफी आवश्यक है। क्योंकि हमारे पेट का सीधा प्रभाव हमारे मस्तिष्क पर पड़ता है। इसलिए यह जरूरी है, कि आप कम तला-भुना खाना खाएं, और स्वच्छ एवं हरी सब्जियों व फलों और फलों के रसों का सेवन करें।
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