बेहतरीन कंटेंट राइटर बनने के लिए जरुरी टिप्स

लेखक बनने के लिए कौन कौन से गुण होने चाहिए

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10 Oct '23
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लेख  कला के माध्यम से कभी चिट्ठी, किताबें या अख़बार लिखी जाती थी। डिजिटलाइजेशन के साथ आज कंटेंट को ब्लॉग, वेबसाइट या सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से लोगों के बिच परोसा जाने लगा।

लेखन कला एक इनर स्कील है जो स्वयं के मानसिक विकास के साथ साथ समाज को एक नई दिशा प्रदान करने में मदद करती हैं। हम जो कुछ भी देखते, सुनते या पढ़ते हैं वह चीजें कंटेंट (तथ्य ) कहलाती हैं, जब हम कंटेंट को शब्दों के माध्यम से कहीं लिखते हैं तो उसे कंटेंट राइटिंग कहते हैं। एक लेखक हर घटनाओ को अलग ही नजरिया से देखता है।

कंटेंट राइटिंग के क्षेत्र में आज करियर के बहुत से ऑप्शन हैं। 

कंटेंट राइटर बनने के लिए कौन सी भाषा का चयन करना चाहिए

वैसे तो हिंदी, इंग्लिश और अपनी राज्य भाषा का ज्ञान होना बेहतर होता है। हम अपनी मातृभाषा में भावनाओं को अच्छे से एक्सप्रेस कर पाते हैं इसलिए कंटेंट राइटर बनने के लिए हमें अपनी मातृभाषा का चयन करें, अगर आप ग्लोबल एक्सपोज़र चाहते हैं तो आप इंग्लिश सेलेक्ट कर सकते हैं 

लेखक बनने के लिए कौन कौन से गुण होने चाहिए

  • धैर्यता
  • लग्न एवं समर्पण 
  • एकांत एवं एकाग्रता
  • मनन चिंतन
  • भावनाओं को व्यक्त करने की कला /महसूसता शक्ति 
  • निष्पक्षता, निर्भयता
  • सत्यता, ईमानदारी

धैर्यता

धैर्यता का गुण संघर्षों से होकर गुजरनें से जागृत होता हैं। जिंदगी के कड़वे अनुभवो को दर्द के रूप में नहीं बल्कि अनुभव रूपी ताकत की तरह इस्तेमाल करना धैर्यता विकसित करता हैं।  धैर्यवान व्यक्ति के मन में किसी कार्य को हड़बड़ाकर बल्कि गंभीरता के साथ करता है, एक writer को लिखने के दौरान सब कामों से खुद को डीटैच करके एकांत में एक ही स्थान पर घंटों बैठना पड़ता है। ऐसे में अगर धैर्यता का गुण ना हो तो यह टास्क उसके लिए एक सजा बन जाती है।

लग्न एवं समर्पण

राइटिंग के क्षेत्र में सफल बनने के लिए कार्य के प्रति समर्पण भाव व लग्न का होना बेहद जरुरी हैं,  प्रोफेशन आपके दिल से जुडा होना चाहिए, अगर पैसों की या केवल नाम, मान-शान की चाहना में राइटर बनने के लिए इस क्षेत्र में एंट्री करना चाह रहे हैं तो एक समय के बाद आप इस प्रोफेशन से ऊब जाएंगे, क्योंकि जब सफलता संघर्ष मांगेगी तब टूटकर प्रोफेशन बदल देते हैं, लेकिन अगर कार्य दिल से जुडा हो तो संघर्ष के दौरान मिलने वाला दर्द महसूस नहीं होता। जहां लग्न होगी वहां इनर पॉवर लगने से सफलता गले का हार बन जाती हैं।

एकांत एवं एकाग्रता

लिखने के दौरान जब एक विषय पर गहन मनन चिंतन करने, क्रिएटिव थिंकिंग के लिए एकांत के साथ साथ मन बुद्धि के एकाग्रता की जरूरत पड़ती हैं, अविष्कार एकांत में व एकाग्रता के बल पर ही होते हैं। लिखें गए शब्दों में फीलिंग्स व इमोशंस तब ऐड होते हैं जब हम उन लम्हों को जियें हों या उन्हें पूरी तरह से एकाग्र होकर लिखे हों, तब वर्ड्स पॉवरफुल, मीनिंगफुल बन जाते हैं। जिससे पढ़ने वाले पढ़ने के दौरान उसकी पिक्चर बुद्धि से देख पाते हैं।

मनन चिंतन/यूनिक कंटेंट 

मनन चिंतन करने से कांसेप्ट की गहराई में जाकर लिखने से कंटेंट यूनिक बन जाता हैं। जिससे पढ़ने वाले को भी नवीनता और भरपूरता का अहसास होता है, ओरिजिनल, ऑथेंटिक कंटेंट सबको पसंद करते हैं।

भावनाओं को व्यक्त करने की कला/ महसूसता शक्ति 

एक लेखक को अपने मन में चल रही भावनाओं को शब्दों के माध्यम से व्यक्त करने में महारत हांसिल होनी चाहिए, खुद की भावनाओं को एक्सप्लेन करने के साथ दूसरों की भावनाओं को भी महसूस करके शब्दों से लिखकर एक्सप्रेस करने में दक्ष होना चाहिए इसके लिए आप अपने लाइफ की घटनाओ को एक्सप्लेन करना सीखिए, नियमित डायरी लिखिए, जो कुछ भी लिखें एक फ्लो में, एक रिदम में लिखें, अपने लेख से अन्य लोगों के लाइफ में वैल्यू एड करनें के इंटेंशन से लिखें

निष्पक्षता, निर्भयता

घटना से खुद को डिटेच करके निष्पक्ष होकर लिखनें से यह तरीका लोगों को कंटेंट से जोड़ता है। साथ एक राइटर को निर्भय होकर लिखें 

मन में डर होनें से विचार प्रभावित होते हैं जिसका सीधा असर लेख में पड़ता हैं, स्वतंत्र विचारों में निर्भयता की शक्ति होने से उसका असर लोगों पर पड़ता हैं डर से उत्पन्न होने वाले विचारों का नहीं 

सत्यता, ईमानदारी

जब मन में सच्चाई, सफाई होगी किसी तरह का छल कपट नहीं होगा तब निश्चित ही वहां सत्यता एवं ईमानदारी की शक्ति होगी। जिन गुणों के बल पर लेख के साथ जस्टिस कर सकते हैं। आज तो कंटेंट को अनेको टूल्स के माध्यम से जाँचा परखा जा सकता हैं अगर यह गुण ना हुवे तो कॉपी करके लिखा गया कंटेंट स्वतः पकड़ में आ जाएगा

कंटेंट राइटर बनने के बाद जॉब करें या एक फ्रीलेंसर के तौर पर कार्य करें

डिजिटल क्रांति के बाद आज आपके सामने कंटेंट राइटर के तौर पर अनेकों ऑप्शन उपलब्ध हैं आप किसी मीडिया हॉउस, एडवरटीजमेंट एजेंसी, कंटेंट राइटिंग एजेंसी या फिर किसी भी संस्था की वेबसाइट में कंटेंट राइटर के तौर पर ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड पर सेवा दे सकते हैं, बहुत सी संस्थाएं या इंडिविजुअल आज यू ट्यूब चैनल बनाकर लोगों का एंटरटेनमेंट कर रही हैं या फिर किसी तरह के नॉलेज शेयर कर रहे हैं आप उनसे जुड़कर से जुड़कर उनके लिए स्क्रिप्ट लिखकर कमा सकते हैं।

जॉब में टाइम बांड होता हैं जैसे सुबह से साम रपज काम करना होता हैं फ्रीलेंसिंग मोड़ पर आप अपने खाली समय पर कंटेंट लिखकर कमा सकते हैं, जॉब के लिए कुछ एजुकेशनल मापदंड निर्धारित होते हैं फ्रीलान्सिंग के कार्य में आपको क्लाइंट के जरूरत के मुताबिक अच्छे से लिखना आना चाहिए इतना ही काफ़ी है 

फ्रीलान्सिंग में अगर सच्ची लग्न और कड़ी मेहनत के साथ काम किए तो एक्सपीरियंस के साथ आपकी इनकम जॉब करने वालों से कई गुणा ज्यादा होगी। नौकरी जा सकती है पर गुण नहीं। फ्रीलान्सिंग मोड में आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा की क्लाइंट के साथ आपकी जो डेडलाइन फिक्स हुई है उस समय सीमा के भीतर आपको काम कम्प्लीट करके देना होगा। नौकरी में महीने में एक बार तनख्वाह मिलती है, फ्रिलांसिंग में हर टास्क कम्प्लीट करने के बाद क्लाइंट से पेमेंट तुरंत ले सकते हैं

राइटिंग का अच्छा खासा अनुभव होनें पर आप अपनी बुक पब्लिश कर सकते हैं, आप चाहें तो अपनी वेबसाइट बनाकर ब्लॉगिंग के माध्यम से भी अच्छी आमदनी कर सकते हैं, या फिर आप खुद के लिए स्क्रिप्ट लिखकर यू ट्यूब पर वीडियो पोस्ट कर इनकम कर सकते हैं या किसी संस्था से जुड़कर उनके लिए काम कर सकते हैं।

एक लेखक को यह कोशिश करनी चाहिए की वह ज्यादा से ज्यादा विषयों पर लिख सकें जिससे वह ऑल राउंडर बने, और जिस विषय पर खुद का ज्ञान स्तर व इंटरेस्ट ज्यादा हो उस विषय का स्पेशलिस्ट बनना चाहिए।

प्रूफरीडिंग एवं एडिटिंग 

डिजिटल युग में कंटेंट लिखने के लिए आज कलम पेपर की भी जरूरत नहीं, बल्कि मोबाइल, लैपटॉप या कंप्यूटर के माध्यम से बिल्कुल आसानी से कंटेंट लिखकर उसकी प्रूफ रीडिंग एवं एडिटिंग कर सकते हैं। सफल राइटर बनने के लिए कंटेंट को कई बार पढ़कर प्रूफ रीडिंग करना चाहिए फिर एडिटिंग करके सारगर्भित शब्दों में अपनी भावनाओं को व्यक्त करना चाहिए।

अपना लिखा कहां पब्लिश करें

डिजिटल क्रांति के दौर में अब सभी अपने विचार लोगों के समक्ष डिजिटल कंटेंट के रूप में बड़ी ही आसानी के साथ प्रस्तुत कर सकते हैं। अपने विचार आप सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर कर सकते हैं। फ्री की वेबसाइट पर लिखकर प्रैक्टिस सकते हैं, दक्ष हो जाने पर खुद का वेबसाइट से इनकम कर सकते हैं। किसी वेबसाइट पर गेस्ट राइटर के तौर पर लिख सकते हैं

हमें रीडर्स का माइंडसेट ध्यान में रखते हुवे आर्टिकल लिखने चाहिए की उन्हें क्या पसंद है, इसके लिए आप कुछ अन्य आर्टिकल के व्यूस देख सकते हैं, और सबसे ज्यादातर पढ़े जाने वाले टॉपिक्स चुन सकते हैं इसके अलावा आप ट्रेंडिंग टॉपिक, वायरल मुद्दों पर भी अपने विचार शेयर कर सकते हैं।

राइटर बनने के लिए किस तरह के कंटेंट कंस्यूम करने चाहिए 

राइटर को माइंड क्लीन रखना होता है, एक लेखक को पहले एक अच्छा पाठक बनना पड़ता है। जिसके लिए नियमित पॉजिटिव कंटेंट देखना सुनना पढना होता है, अन्यरिक बल कम करने वाले व्यर्थ के कंटेंट कन्सजप्सन से परहेज करना चाहिए, ज्ञान धन से जो जितना संपन्न होगा वह उतना महान राइटर बनेगा। राइटिंग स्कील निखारने के लिए नियमित अलग अलग टॉपिक पर लिखें, डायरी लिखें

दिलचस्प हैडिंग 

हमें इस बात का विशेष ख्याल रखना चाहिए की हम जिस विषय पर लिख रहे हैं उसकी हैडिंग इतनी आई कैची, दिलचस्प हो की हैडिंग देखकर ही लोग आर्टिकल पढ़ने के लिए उत्सुक हो जाएं, हैडिंग ऐसा लिखें जो पुरे आर्टिकल को डिफाइन करें

राइटर्स की दिनचर्या कैसी होनी चाहिए

राइटर की दिनचर्या सात्विक होनी चाहिए रात में जल्दी सोना, सुबह जल्दी उठना, ब्रह्मा मुहूर्त एवं साम को नियमित मैडिटेशन करना, हैप्पी होर्मोन ब्रेन में रिलीज हो और माइंड पॉजिटिव बना रहे, उमंग उत्साह से भरपूर रहे व पॉवरफुल बना रहे, और इस पॉजिटिविटी का इम्पैक्ट कंटेंट राइटिंग पर पड़ता रहे 

लेखक को लेखन कार्य में फिजीकल वर्क ना के बराबर होता है, पूरा का पूरा मेंटल वर्क ही करना पड़ता है जिससे मन बुद्धि तो तंदरुस्त एवं परिपक्व बनता है अब तन को तंदरुस्त रखने के लिए किसी तरह की मेहनत या फिर योगा या फिर अन्य कोई शारीरिक एक्सरसाइज लाइफस्टाइल में शामिल करना चाहिए जिससे की पसीना बहे और कैलोरी बर्न हो

राइटर्स बनने के लिए हमें किस तरह के खानपान फॉलो करने चाहिए

अगर बात करें खानपान की तो सात्विक  विचार (पॉजिटिव थॉट ) प्रोड्यूज करने के लिए एक लेखक को सात्विक डाइट कंस्यूम करना चाहिए क्योंकि अन्न का सीधा सीधा कनेक्शन मन और बुद्धि से होता है। इसलिए कहा भी जाता है जैसा अन्न वैसा मन

अगर डाइट तामसिक होगी तो अन्न का असर मन पर पड़ेगा और मन से उच्च गुणवत्ता वाले विचार की जगह तामसिक विचार उत्पन्न होनें लगेंगे, एक लेखक को हाई क्वालिटी के थॉट क्रिएट करने के लिए सात्विक डाइट फॉलो करना चाहिए।

दिन में किस समय लिखना बेहतर होता है

वैसे तो एक लेखक के लिए तय सात्विक दिनचर्या सात्विक डाइट फॉलो करने के बाद वह लेखक उमंग उत्साह से दिन भर में जरूरत अनुसार किसी भी समय लिख सकता है पर फिर भी सुबह सुबह लिखना ज्यादा गुणवत्ता युक्त विचार उत्पन्न करके लिखने में मदद करता है। सुबह हमारा मन तरोताज़ा होता है। उस वक़्त इधर उधर के व्यर्थ से हम मुक्त रहते हैं

हमारे मन की अवस्था का हमारे आर्टिकल पर लेखन में सीधा असर पड़ता है। जब मूड ख़राब हो तो पहले गाना गाकर, गाना सुनकर, मैडिटेशन करके, कहीं घूमकर मन शांत करके या फिर अन्य किसी तरह से कुछ और करके मूड को पहले ठीक करें फिर लिखें, उमंग उत्साह में लिखी गई लेख में सकारात्मकता झलकती है।

निष्कर्ष

दोस्तों इस आर्टिकल में कंटेंट राइटर बनने से जुडी म्हटवपूर्ण जानकारियां समाहित हैं, जैसे राइटर के गुण, खानपान, दिनचर्या, राइटर के लिए जॉब और फ्रिलेंसर कर तौर पर स्कोप, प्रूफ रीडिंग, एडिटिंग, लिखा हुआ कहां पब्लिस करें इत्यादि 

आशा करते हैं की आर्टिकल में दी गई जानकारियों से आप संतुष्ट हुवे हों, इस जानकारी को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें, फिर मिलते हैं एक नई रचना के साथ और आप किसी विषय पर जानना चाहते हैं तो हमें कॉमेंट कर बतला सकते हैं।

Category:Education



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Written by uday choudhary

Motivational speaker, life coach, counselor, writer