इश्क़

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12 Jun '24
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       ख्वाबों की दुनिया, ख्यालों की दुनियाँ , 

    नफरतों की दुनिया, सिलसिलों की दुनियाँ,   

ये दुनियाँ का दस्तूर, ये दुनिया का रीवाज़,

ये दुनियाँ का लिहाफ़, ये दुनिया का लिहाज़,

           

ऐ तलबगार-ऐ-इश्क़ अब कहाँ ढूंढेगा इश्क़,

इस सहरा मे आब नहीं, ये सहरा है शुष्क.

 

                  धर्मावती 

Category:Poetry



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Written by DHARMAVATI MAHENDRA

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